बेंगलुरु के प्रोडक्ट मैनेजर सचिन झा को अपनी Zerodha अकाउंट बंद करना पड़ा, क्योंकि उनकी पत्नी की कंपनी ने इसे 'विश्वसनीय ब्रोकरेज' नहीं माना!

झा ने उम्मीद छोड़ते हुए Zerodha के CEO नितिन कामथ को एक आखिरी ईमेल भेजा। 10 मिनट में ही जवाब आया!

"Zerodha की टीम एक्शन में!" बैंकों के साथ समाधान पर काम शुरू किया

झा ने आखिरकार अपना Zerodha अकाउंट बंद कर दिया, पर कंपनी की ग्राहक-सेवा से इतना प्रभावित हुए कि वो इसके फैन बन गए!

Zerodha का बिना बैंक टैग वाला डिजिटल मॉडल उसकी ताकत भी है और चुनौती भी। क्या भविष्य में यह बदलाव लाएगा?